भारत के जीवन के लिए वित्तीय इंजीनियरिंग

मूल के पीछे जो विचार है, वो बहुत सरल है - अपनी जड़ों से जुड़ना, मूलरूप में रहना और विकास के लिए एक मजबूत नींव तैयार करना

मूल​ ​क्यों

​मूल आपके ​पैसों के साथ आपके रिश्ते ​को जड़ से समझता है और ​उसे सरल बनाता है

मूल ​एक ​स्पष्ट उद्देश्य के साथ ​शुरू किया गया है - ​दुनिया के सबसे बड़े ​नए बचतकर्ताओं के समूह को सलाह देने के लिए​.​ हम हर भारतीय को पूर्ण जीवन ​जीते हुए देखना चाहते हैं​.

The root of financial independence

वित्तीय स्वतंत्रता की एक नींव

बचत पर अधिक कमाई करनी हो, लोन पुनर्वित्त करना हो या बीमा लेना हो - हम यह सभी कुछ आसान बनाते हैं, वो भी एक ही स्थान पर​

Deeper connect with people

​लोगों से गहरा जुड़ाव

हम आपसे आपकी भाषा में बात करते हैं, बिना शब्दजाल के और जो आपके लिए सही हैं, उन वित्तीय उत्पादों को आपके लिए उपलब्ध करते हैं

Broader perspective of wealth

​धन-संपत्ति का एक ​बड़ा दृष्टिकोण

​हम हमेशा आपकी संपत्ति को ​न सिर्फ एक व्यक्ति, बल्कि पूरे परिवार और उनके सपनों के सन्दर्भ में रखकर सोचते हैं

मूल अर्थ

'मूल' शब्द के हिंदी और संस्कृत में कई अर्थ हैं, लेकिन उन सभी का सार 'जड़' या 'स्रोत' के करीब है

हमारा उद्देश्य है डिज़ाइन और वितरण सम्बंधित गंभीर चुनौतियों को हल करना, जो लोगों को आर्थिक अवसरों का अधिकतम लाभ उठाने से रोकते हैं

कल्पना करें कि बुवाई के शुरुआत में ही एक वित्तीय पैकेज मिल जाये, नए ग्रेजुएट्स के लिए व्यवसाय करना आसान हो जाये, और रिटायर लोगों के लिए दीर्घायु बीमा उपलब्ध हो

एक स्मार्ट बचत खाते से शुरू करते हुए, हम वित्तीय सेवाओं का एक सेट विकसित कर रहे हैं जो समग्र रूप से आर्थिक और व्यवहारिक जरूरतों को पूरा करता है

एक पूर्ण जीवन आपका ​इंतज़ार कर रहा है

Mool Arth

अंततः, वित्त का मतलब ये नहीं कि आपके पास कितना पैसा है बल्कि आप उससे क्या कर सकते हैं. कुछ ही चीजें जीवन भर में इतने ​अच्छे से बढ़ पाती हैं जितने कि पैसा और रिश्ते

- अभिनव नायर
संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी

​हम एक ऐसे भारत की तरफ काम कर रहे हैं जो वित्तीय सफलता से जुड़ा हुआ है

हम एक ऐसे भारत की तरफ काम कर रहे हैं जो वित्तीय सफलता से जुड़ा हुआ है Sub header: मूल​ सभी आर्थिक वर्गों ​के भारतीय परिवारों के साथ खड़ा है​. ​हम पारंपरिक शहरी-ग्रामीण, अमीर-गरीब विभाजन से ​ऊपर उठकर सोचते हैं​.​ ​भारत में ​आय और धन​-संपत्ति​ पूरे देश में ​फैली हुई है और ​हमारी ​वित्तीय समस्याएं हम सभी के लिए ​एक जैसी हैं, भले ही ​उनके समाधान अलग-अलग हों​.​

हम सबके लिए हैं​.

Mool

क्या आप हमें अपनी कहानी में एक भूमिका निभाते हुए देखते हैं?

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